मरीज़ ए इश्क़

1 Part

232 times read

9 Liked

तेरी ये बेरुखी पल में मुझे गैर कर देती है, रूह है तेरी मेरी जान में,फिर भी क्यों मुझे तेरे बगैर कर देती है, और ये दुनिया के फलसफे मुझपर न ...

×