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इजहार ए मोहब्बत एक रोज मैं ठहरा रहा महफिल में लेने अनुभव वहां के शोर का तेज गूंजती आवाज के बीच एक चेहरा दिखाई दिया मुझे खामोशी का मैं गया फिर ...