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दर्द-ओ-सितम की मैं एक नायाब निशानी हूँ, ग़मों ज़ेहनी दबाव के साये में बीती जवानी हूँ। समुंदर-ए-अश्क़ के सैलाब में ताउम्र डूबी हुई, ख़ू-ए-क़ल्ब से लिखी आलातरीन कहानी हूँ।। ...