पानी!

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पानी! बहता  हुआ  ये  झरना,  बहता  हुआ  ये   पानी। कण-कण में है बसा तू,कण-कण की जिंदगानी।   वादी, नदी, पवन  सब, तेरा  ही  गुण  ये गाते। आया  न होता जग तू,  जीवन  ...

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