1 Part
258 times read
15 Liked
एक रात हम बरामदे में चारपाई पर सो रहे थे जलालत की जिंदगी से दूर सपनों में खो रहे थे सपनों में जन्नत का नजारा देखकर प्रसन्न थे खूबसूरत हसीनाओं के ...