बीती विभावरी जाग री........

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.......... बीती विभावरी जाग री........ रवि देव प्रसन्न हुए हैं आभा अपनी बिखराए हैं, हर कर सभी तिमिर जगती का अनुपम प्रकाश फैलाएं हैं। यही कार्यक्रम है प्रकृति का संदेशा मानव ...

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