लेखनी कहानी -13-Feb-2023रहस्य्स्यमयी कहानिया

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सुशीला के लिए विरजन से प्रिय जगत में अन्य वस्तु न थी। विरजन उसका प्राण थी , विरजन उसका धर्म थी और विरजन ही उसका सत्य थी। वही उसकी प्राणाधार थी ...

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