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शीर्षक = इश्क़ का गुलाब रात के 8 बज चुके थे। फरवरी का महीना था, जिसके चलते सूरज ढलने के बाद हल्की हल्की ठण्ड अभी बाकी थी, ऐसे में हाथ में ...