भींगी पलकें आज

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प्रतियोगिता हेतु दोहे हे    मनमोहन   हो   गये ,  क्यों हमसे नाराज। याद   तुम्हारी   आ   रही,   भींगी  पलकें आज।। प्रीत    लगाई    आपसे ,   खोया  मन  का  चैन। तुम   ही  ...

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