.नज़्म (आवाज़ दो )

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..................नज़्म...................           (आवाज़ दो ) ग़म से बोझिल हुयी हैं पलकें,ग़मख़्वार को आवाज़ दो, इक़रार है मुहब्बत का उनसे क़ाज़ी सर को आवाज़ दो। बहुत इसरार किया ...

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