पत्नियों द्वारा पतियों की पिटाई... खुदा ख़ैर करे!

1 Part

456 times read

10 Liked

अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी आँचल में है दूध और आँखों में पानी राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी ने जब ये पंक्तियाँ रची, तब तक यह आलेख प्रकाश में नहीं आया ...

×