लेखनी कहानी -19-Feb-2023-चाणक्य निति

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अध्याय ५   दोहा -- अभ्यागत सबको गुरु , नारि गुरु पति जान ।   द्विजन अग्नि गुरु चारिहूँ , वरन विप्र गुरु मान ॥१॥   ब्राह्मण , क्षत्रिय तथा वैश्य ...

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