लेखनी कहानी -19-Feb-2023-चाणक्य निति

15 Part

64 times read

0 Liked

अध्याय १३   दोहा - वरु नर जीवै मुहूर्त भर , करिके शुचि सत्कर्म ।   नहिं भरि कल्पहु लोक दुहुँ , करत विरोध अधर्म ॥१॥   मनुष्य यदि उज्वल कर्म ...

Chapter

×