कयामत से कयामत तक

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कयामत से कयामत तक, दुआ रब से मैं मांगती हूं। आशीष तेरा मिलता रहे,  शीश हरदम झुकाती हूँ।   कृपा तेरी मिलती रहे, लगे बहारों के मेले। मंजिल सदा मिलती रहे, ...

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