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प्रतियोगिता हेतु कुछ मुक्तक बाग में अधखिला, कोई गुलाब है जैसे। नई बोतल में पुरानी शराब है जैसे।। तेरा हर एक सफा पढ़ने की तमन्ना है। तू ग़ज़ल से भरी, कोई ...