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आज बेटी पढ़ाएँ सभी गीत ✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट आज बेटी रही भावना को जगा, वह कभी भी न देगी हमें तो दगा वह आँखों का तारा है, बन रही अब सहारा ...