1 Part
290 times read
18 Liked
शीर्षक = रिश्तों की कसक अंजली अपने कमरे में बैठी थी, साथ ही उसकी सहेलियां उसके इर्द गिर्द गहरा बनाये बैठी थी, तब ही दरवाज़े पर खड़ी उसकी माँ निर्मला जी ...