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खेत मै ठाड़ी है लइया लोकगीत ✍️उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट एक पड़ोसन मोकौ भाबै,चुलबुल बाको नाम देखै जब बा जियरा डोलै, होय न मोसे काम कौन ढोरन कौ खिलबइया, उनै फिर पानी ...