इश्क़ नाजायज़

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जायज़  नहीं है हुक्म तेरा कैसे तामील करूँ? मैं  तुझे  उसकी  जगह   कैसे  शामिल  करूँ? "निक्क"  इश्क़ नाजायज़ कहलायेगा तेरा मेरा! बिन तेरे अधुरा हूँ मैं कैसे खुदको क़ामिल करूँ? ...

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