बेरुखी तेरी सही नहीं जांदी ऐ

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कुछ बातां हुंदी हैं, जो कहीं नहीं जांदी ऐ, ये पीड़  अंदरों अंदरों  सही नहीं जांदी ऐ। यूँ ना  नाराज़ हुआ कर तू सोहणे सजणा, मैंथो  ये  बेरुखी  तेरी  सही नहीं ...

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