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बेरुखी बेरुखी का सबब हम भी तो जानें आप के दिल में क्या है, पहचानें कल तक तो थे मुरीद हमारे आप बेमुरव्वत ऐसे जा रहे हैं, जैसे अनजाने। खाई थी ...