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परिच्छेद 12 जयसिंह उसके अगले दिन मंदिर में लौट कर आया। अब तक पूजा का समय निकल चुका है। रघुपति दुखी चेहरा लिए अकेला बैठा है। इसके पहले कभी ऐसा नियम ...