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शीर्षक-दिव्य प्रेम प्रेम शब्द पुलकित हुआ, दिव्य प्रेम मन खिला। नैन देखने को कहे, अधर से सलिल पिला।। कृष्ण प्रेम रस बढ़ रहा, हृदय में मधु प्रीत। कृष्ण संग राधा बढ़े, ...