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सब कुछ तो बिखरा-बिखरा सा है, राह-ए-सफ़र में कुछ तो छूटा है। बदहवासी क़सक बेचैनी ये तड़प कैसी? तो क्या हुआ जो आज दिल टूटा है। मेरे ख़्वाब अधूरे ख्वाहिश अधूरी ...