लेखनी कविता -05-Mar-2023

1 Part

259 times read

8 Liked

 प्रभु के दर्शन दर्शन है दुर्लभ प्रभु के आज विवेक से करें प्रभु के दर्शन आज शांति दया प्रेम परोपकार करें  प्रभु के दर्शन आज सोचे   समझे करें  विवेक  प्रभु के ...

×