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अपने हसीं रुख़ से ज़रा नक़ाब उठा कर मिलो, अपने तमाम दर्द-ओ-ग़म हमसे छुपा कर मिलो। तेरा उदास चेहरा बिल्कुल अच्छा नहीं लगता है, सुकून-ए-दिल की ख़ातिर तुम मुस्कुरा कर मिलो।। ...