लेखनी कहानी -07-Mar-2023-श्लोक की दुनिया

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  श्लोक ४१ ते ४५   उस उज्जयिनीमे रातको अपने प्रेमियोके घरोको जाती हुई रमणियोको घने अन्धकारसे राजमार्गके ढँक जानेपर कुछ न दिखा पडेगा , अत : तुम कसौटीपरकी चमकती हुई ...

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