व्यक्त और अव्यक्त

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आंसु उसके थें, आंखों से मेरे बहें।। शब्द उसके थें होंठों ने मेरे कहें।। भाव उर में थें,हम लिख गए।। वो भला बन गयें,हम बुरें हो गयें।। ये ज़मानें के दस्तुर, ...

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