जुनून

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अपने  ही  बहा   रहे  अपनों   का  ख़ून  है, ये  कैसा  उनके  सर  पर  सवार  जुनून  है। हर  तरफ़  आब - ओ - हवा  है  बटवारे  की, इस दौलत ने  छीन लिया  ...

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