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स्वैच्छिक रंगों का त्यौहार *कौन रंग फागुन रंगे, रंगता कौन वसंत?* *प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुम वसंत।* *चूड़ी भरी कलाइयाँ, खनके बाजू-बंद,* *फागुन लिखे कपोल पर, रस से भीगे छंद।* ...