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राजलक्ष्मी नाराज होकर हँस पड़ी और बोली, “देखो चतुराई रहने दो- यह मैं भी जानती हूँ।” “जानती हो? तब जाने दो, एक जटिल समस्या की मीमांसा हो गयी। किन्तु, तीस रुपये ...