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लोगों के शौक़ बदल रहें हैं ग़िज़ा में, बहारें फिर से आ रहीं हैं ख़िज़ा में। मौसम ने फिर अंगड़ाई ली है "निक्क" रंगत बदली बदली सी है फ़िज़ा में।। ...