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समीक्षक पर्यवेक्षक अगले दिनों की विभीषिका का प्रस्तुतीकरण इस प्रकार करते हैं जिसमें वर्तमान की अवांछनीय और भविष्य की अशुभ संभावनाएं ही उभर कर सामने आती हैं ।ऐसी दशा में हताशा ...