शून्य पर कविता -17-Mar-2023

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शून्य पर कविता  शून्य सी धरती हमारी शून्य नभ विस्तार है शून्य ही शुरुआत सबका शून्य अनंत अपार है शून्य में सब कुछ समाया  जल थल नभ संसार है  शून्य अकेला ...

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