शून्य पर कविता -17-Mar-2023

1 Part

277 times read

12 Liked

शून्य पर कविता  शून्य सी धरती हमारी शून्य नभ विस्तार है शून्य ही शुरुआत सबका शून्य अनंत अपार है शून्य में सब कुछ समाया  जल थल नभ संसार है  शून्य अकेला ...

×