कयामत

1 Part

103 times read

2 Liked

कयामत _______________________________ आज ये क्या कयामत आई हम पर  बूंदे बरस रही है  पूरे जोरों पर भीग तो मैं आज भी गई  फ़र्क सिर्फ़ इतना रहा  तुम्हारी हथेलियों की महक  नहीं ...

×