लेखनी प्रतियोगिता - दस्तक

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  दस्तक  जब जब भी दस्तक होती है,दरवाज़े पर, हर बार यूं लगता है, तुम ही हो, मगर किसी और को ही खड़ा पाते हैं, तो अहसास होता है, बहुत नाराज़ ...

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