लेखनी प्रतियोगिता - दस्तक

1 Part

307 times read

14 Liked

  दस्तक  जब जब भी दस्तक होती है,दरवाज़े पर, हर बार यूं लगता है, तुम ही हो, मगर किसी और को ही खड़ा पाते हैं, तो अहसास होता है, बहुत नाराज़ ...

×