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सत्रहवाँ अध्याय सत्रहवाँ अध्याय मुख्य द्वार ( १ ) वास्तुचक्रकी चारों दिशाओंमें कुल बत्तीस देवता स्थित हैं । किस देवताके स्थानमें मुख्य द्वार बनानेसे क्या शुभाशुभ फल होता है, इसे बताया ...