काव्य संग्रह - भाग 8

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श्रीवृन्दावन-धाम अपार श्रीवृन्दावन-धाम अपार रटे जा राधे-राधे। भजे जा राधे-राधे! कहे जा राधे-राधे॥१॥ वृन्दावन गलियाँ डोले, श्रीराधे-राधे बोले। वाको जनम सफल हो जाय, रटे जा राधे-राधे॥२॥ या ब्रज की रज सुन्दर ...

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