काव्य संग्रह - भाग 12

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सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम सीताराम बोल। राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल॥ यह दुनिया है गोरख-धन्धा, भेद समझता कोई-कोई बन्दा। ब्रह्म स्वरुप तराजू तोल, सीताराम सीताराम सीताराम बोल॥ क्यों विषयों में मन ...

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