काव्य संग्रह - भाग 16

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तेरी बन जैहैं गोविन्द तेरी बन जैहैं गोविन्द, गुन गाये से, रामगुण गायेसे॥टेर॥१॥ ध्रुवकी बन गई, प्रह्लादकी बन गई। द्रौपदीकी बन गई, चीरके बढ़ाये से॥ तेरी०॥१॥ बालीकी बन गई,सुग्रीवकी बन गई। ...

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