काव्य संग्रह - भाग 20

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चाहता जो परम सुख तूँ चाहता जो परम सुख तूँ, जाप कर हरिनाम का। परम पावन परम सुन्दर, परम मंगलधाम का॥ लिया जिसने है कभी, हरिमान भय-भ्रम-भूलसे। तर गया वह भी ...

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