काव्य संग्रह - भाग 35

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दर्शन दो घन्श्याम दर्शन दो घन्श्याम दर्शन दो घन्श्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे .. मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी न दीखे सूरत तेरी . युग बीते ना आई मिलन ...

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