काव्य संग्रह - भाग 42

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दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी ओ जी अन्तरजामी ओ राम  खबर म्हारी बेगि लीज्यो जी आप बिन मोहे कल ना पडत है जी ओजी तडपत हूं ...

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