काव्य संग्रह - भाग 44

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मीरा के प्रभु गिरधर नागर काटो जम का फंदा नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा श्याम सुन्दर मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा। तू ही नटवर तू ही नागर तू ...

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