काव्य संग्रह - भाग 50

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सहेलियां साजन घर आया हो सहेलियां साजन घर आया हो। बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो॥ रतन करूं नेवछावरी ले आरति साजूं हो। पिवका दिया सनेसड़ा ताहि बहोत निवाजूं ...

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