दिलो के बँद दरवाजे

1 Part

143 times read

3 Liked

दिलो के बंँद दरवाजे खोलो.रे रिश्तों से मुहँ मत मोड़ रे रिश्तों होते अनमोल रे रिश्तों.को पैसो से न तोल रे रिश्तों मे रँजिश की दिवारे गिराओ रे आपस मे प्रेमभाव ...

×