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दिलो के बंँद दरवाजे खोलो.रे रिश्तों से मुहँ मत मोड़ रे रिश्तों होते अनमोल रे रिश्तों.को पैसो से न तोल रे रिश्तों मे रँजिश की दिवारे गिराओ रे आपस मे प्रेमभाव ...