1 Part
122 times read
9 Liked
कविता ःकयामत ★★★★★★★★★ कयामत का मंजर आया है देखो महामारी ने क्या तांडव मचाया है कल तक जूझ रहे थे पीने के पानी के लिए आज हवाओं ने खुद पर पहरा ...