क़यामत

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ज़िन्दगी महदूद नहीं लामहदूद है  आँख बंद होते ही नई दुनिया देखोगे अपने हाथों जो अमल भेजे हैं आगे उनको इंसाफ के तराजू पर तौलता देखोगे अभी ये सरसरी बातें लगती ...

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