राजा की रानी

305 Part

46 times read

0 Liked

राजलक्ष्मी की दोनों ऑंखें आनन्द से चमक उठीं। बोली, “तो चलो, पर मन ही मन देवता की अवज्ञा तो नहीं करोगे?” जवाब दिया, “शपथ तो नहीं ले सकता, परन्तु तुम्हारा रास्ता ...

Chapter

×